
Manufacturing Boost In IndiaImage Credit source: Freepik
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार अगले दो-तीन महीने में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम को मंजूरी दे सकती है. सरकार की इस स्कीम को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है, पुरानी और नई कंपनियों ने डिस्प्ले मॉड्यूल, कैमरा और बैटरी जैसे कॉम्पोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए आवेदन किया है.
इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि आवेदन की जांच के लिए एक महीने के भीतर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी को नियुक्त किए जाने की संभावना है, इसके बाद जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी.सरकार मंजूरी देने के लिए फास्ट-ट्रैक मोड पर काम कर रही है.
कैबिनेट ने 28 मार्च को पेसिव और नॉन सेमिकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स कॉम्पोनेंट्स के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी. इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विस कंपनी डिक्सन टेक्नोलॉजीज के प्रबंध निदेशक अतुल लाल ने कहा, उद्योग से प्रतिक्रिया अच्छी और बहुत उत्साहजनक रही है, कई कंपनियां इस योजना में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं जो बड़े इकोसिस्टम के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होगा.
घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए PLI महत्वपूर्ण
डिक्सन ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि यह एक रणनीतिक कदम है और हम इसके लिए आवेदन करेंगे. आवेदन करने की समयसीमा जुलाई के अंत तक है, इसलिए परियोजना रिपोर्ट और दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, डिक्सन, ज़ेटवर्क और फॉक्सकॉन सहित कई कंपनियां पीएलआई योजना के जरिए निवेश करने की योजना बना रही हैं. Zetwerk इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रेसिडेंट जोश फॉल्गर ने बताया कि भारत घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए PLI स्कीम महत्वपूर्ण है.
ऐसे होगा आपको फायदा
घरेलू मैन्युफैक्चर को बढ़ावा मिलने से आपको किस तरह से फायदा होगा? आप भी अगर यही सोच रहे हैं तो बता दें कि अगर इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स लोकल मैन्युफैक्चर होंगे तो पार्ट्स सस्ते हो सकते हैं, पार्ट्स सस्ते होने का सीधा मतलब ये है कि इलेक्ट्रॉनिक सामान की कीमत भी कम हो सकती है.
कौन सी कंपनी किस चीज के लिए कर रही आवेदन?
सूत्रों ने बताया था कि फॉक्सकॉन अपनी सहायक कंपनी Yuzhan टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्मार्टफोन डिस्प्ले मॉड्यूल कैटेगरी में आवेदन करने पर विचार कर रही है. 23 जून को बेंगलुरु स्थित यूनिकॉर्न ज़ेटवर्क ने बताया था कि कंपनी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी), इनक्लोजर, हीटसिंक और सेंसर जैसे इलेक्ट्रोमैकेनिकल कॉम्पोनेंट्स के निर्माण पर 500-800 करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बना रही है.