शेफाली हों या माइकल जैक्सन… महाभारत के ययाति मत बनिए, कुदरत को मानिए

शेफाली जरीवाला की मृत्यु दुखद है. कलाकार थीं. हो सकता है आगे कला के क्षेत्र में वे और भी बहुत कुछ करतीं. पता चल रहा है कि वे एंटी एजिंग दवा का सेवन कर रही थीं. दिल के सेहत पर इस तरह की दवाओं का असर अच्छा नहीं बताया जा रहा. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि इस तरह की दवाओं और उनकी मौत के बीच कितना रिश्ता है या नहीं है. फिर भी शेफाली जरीवाला के बारे में चल रही चर्चाओं के बीच राजा ययाति की कहानी याद आ जाती है.

ययाति की कहानी

महाभारत की इस कहानी में बताया गया है कि ययाति एक प्रतापी चंद्रवंशी राजा थे. उन्होंने इंद्र की बेटी शर्मिष्ठा और सप्तऋषियों में एक भृगु की बेटी देवयानी से शादियां की थी. इससे भी उनके वैभव को समझा जा सकता है. उन्हें सांसारिक सुखों की बहुत लालसा थी. इसी चक्कर में उन्होंने देवयानी से बदतमजी कर दी. ऋषि भृग ने उन्हें श्राप दे दिया कि वे जल्द ही बूढ़े हो जाएंगे. दुनियावी सुखों की उनकी लिप्सा इस कदर ज्यादा थी कि ययाति ने अपने बेटों से ही उनका यौवन मांग लिया. हालांकि वक्त रहते उन्हें पता चल गया कि इन सुखों का कोई मतलब नहीं है और वे अपने बेटे पुरु की जवानी लौटा तपस्या के लिए चले गए. ये कहानी इसलिए याद आई कि बेटे का यौवन लेने का खयाल निश्चित तौर पर किसी भी तरह सराहा नहीं जा सकता.

ऋषि च्वयन की कथा

सराहने लायक कहानी ऋषि च्वयन की है. वही वाले च्वयन जिनके नाम पर च्वयनप्राश बना है. तप करते करते ये ऋषि इतने जर्जर हो गए कि काटों में फंसे अपने शरीर को भी वहां से निकाल भी नहीं पा रहे थे. चंद्रवंशी राजाओं की एक बेटी ने पिता के विरोध के बाद भी उन्हें वहां से निकाल कर उनकी सेवा सुश्रुधा की. ऋषि ठीक हो गए और सेवा के बदले राजा की पुत्री से विवाह कर लिया. किंतु शरीर में यौवन तो था नहीं. लिहाजा योग और तप के जरिए कायाकल्प किया. वैद्यकी का ज्ञान भी दुनिया को दिया.

अमरत्व की चाह हमेशा से रही है

दरअसल, मानव सभ्यता के विकास के साथ ही अमरत्व की तलाश भी शुरु हो गई. केमिस्टी यानी रसायन विज्ञान का ज्ञान ही मनुष्य ने पारस पत्थर और अमृत की तलाश के लिए हासिल किया. केमिस्ट्री शब्द अरबी के अल कीमिया से बना है. इसका इस्तेमाल धातुओं को गलाने और सीसे को सोने में बदलने की कोशिश करने वालों के लिए किया जाता था. पुरानी मान्यता है कि पारस मिल जाए तो उसे टच करा कर लोहे को सोने में तब्दील किया जा सकता है. पुराने जमाने में बहुत सारे कीमियागार राजा महाराजाओं को अमर और चिर युवा बनाए रखने के लिए अमृत की तलाश में लगे रहते थे. आज के दौर में भी केमिस्ट्री ऐसी चीजें बनाने में लगी है, जिसका इस्तेमाल कर मनचाही शारीरिक ढांचा,रंग और चिर यौवन हासिल किया जा सके.

माइकल जैक्सन तो याद ही होंगे

माइकल जैक्सन भी लोगों को भूले नहीं होंगे. महान गायक थे. लेकिन सनक ये थी कि अपनी चमड़ी का रंग गोरा करना चाहते थे. माना जाता है कि दवाओं का अधिक डोज लेने के कारण उनका दिल भी जवाब दे गया. करियर के शानदार दौर में ही अरबों की संपत्ति का ये मालिक हाथ फैला कर इस दुनिया से चला गया. विकसित देशों में बहुत सी महिलाएं अपने फिगर को आकर्षक बनाने के लिए सिलिकान के इंप्लांट भी कराती है. कई बार इसका असर जानलेवा तक हो जाता है.

तरीके और भी हैं

गरज ये है कि जहां जरूरी होता है, वहां डॉक्टरों की सलाह पर सेहतमंद रहने के लिए दवाएं लेना लाजिमी है. लेकिन शरीर का कुदरती ढांचा ठीक करने के लिए दवाओं का इस्तेमाल कुदरत को चुनौती देने जैसा है. उम्र का अपना असर होता है. उसे कम करने के लिए योग, व्यायाम और खान पान का खयाल किया जा सकता है. करना भी चाहिए. लेकिन दवाओं का इस्तेमाल करना सही नहीं ठहराया जा सकता.

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